"संदेश"
"किसी को कलम नहीं मिलता,
मगर चादर-सी सफेद कागज़ सजी मिलती है।
किसी को शब्द नहीं मिलता,
मगर कलम और कागज़ का,
इंतज़ाम ज़ोर रहता है।
वैसे ही उभरते कवि को मंच नहीं मिलता,
मगर दुनिया को संदेश देने के लिए
उनकी कविताएं तैयार रहती हैं।"
by rishabh abhishek