The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
--- ### **बेवफा तेरा धोखा (ग़ज़ल) तेरे वादों का रंग था कितना सुहाना, बेवफा, तेरा मेरे दिल को ठुकराना। चाँद सा चेहरा तेरा, बातें थीं शहद सी, क्यों बन गई तू मेरे लिए ज़हर सी? तेरे ख़तों में बसी थी मेरी हर ख़ुशी, अब उन ख़तों को जलाता हूँ मैं राख सी। तेरे प्यार का भरोसा था मुझको बहुत, पर तूने तोड़ दिया ,वो बन गया अब जख़्म। तेरे बिना ये दिल अब तन्हा सा है, हर धड़कन में बस अब तेरा दर्द ही बसा है। तेरी हँसी में मेरा जहान बसता था, अब वो जहान दोज़ख बन गया मेरे लिए । तेरे झूठे कसमों ने मुझको तोड़ा, दिल का हर कोना तूने, अब खोखला छोड़ा। कभी तू मेरी थी, मेरी हर ख़ुशी की वजह, अब तू किसी और की, मेरे दर्द की वजह। तेरे इश्क़ में डूबा था मैं बेकरारी से, तूने छोड़ा मुझे, बेवफाई से मारा मुझे । तेरे जाने से रातें मेरी स्याह हो गईं, ख्वाबों की चादरें भी अब कहर सी हो गईं। तेरे नाम की माला जपता था मैं रात-दिन, अब तेरे नाम से भी मेरा दिल है नाराज़-ज़िन। तेरी यादें अब साये की तरह पीछा करें, हर कदम पर मुझको ये तड़पाएँ जैसे। तेरे प्यार का आलम था मुझको गवारा, पर तूने तो दिया बस धोखे का सहारा। तेरे वादों की कश्ती में सवार था मैं, बीच मझधार में डूबा, बेकार था मैं। तेरे होंठों की वो लाली, वो बातें प्यारी, सब झूठा था, बस थी तेरी बेवफाई भारी। तेरे बिना ये दिल अब सिसकता है रोज़, हर आह में बस तेरा नाम है गहरा सोज़। तेरे इश्क़ ने मुझको जलाया है इस क़दर, अब राख में भी तेरा अक्स है पूरा,पूरा। तेरे धोखे ने मुझको सिखाया है जीना, अब किसी के वादों पर ना होगा यकीना। तेरे प्यार की सैर कर मैं हारा हूँ, बेवफा, तेरे धोखे से मैं मारा हूँ। 20. अब तेरे बिना भी जी लूँगा मैं सुहेल, पर ये दिल कहता है, तू थी मेरी ज़िंदगी को तबाह कुँ करने वाली। लेखक। सुहेल अंसारी। सनम @9899602770 suhail.ansari2030@gmail.com
**पति-पत्नी का ब्लॉकबस्टर तमाशा** सुनो जी, ये पति-पत्नी का रिश्ता, बिल्कुल मसाला फिल्मी ड्रामा, प्यार का गाना, तकरार का सीन, और हँसी का फुल-ऑन तमाशा! सुबह-सुबह पति चिल्लाए, "अरे प्यारी, चाय का इंतज़ाम करो!" बीवी ने डायलॉग मारा, "चाय तू बना, मैं तो हूँ घर की मालिका, हीरो!" पति जी का मोबाइल, जैसे बॉलीवुड का विलेन, दिनभर खटकता, बीवी की बात सुनने को, जैसे सिग्नल गया, नेटवर्क भटकता! "सुनो जी, वो लहँगा लाओ, जो पड़ोसन ने पहना था!" पति बोले, "अरे, मेरा वॉलेट तो अब खाली, जैसे सलमान का सीन बिना दम का!" शाम को पति लौटे, सोफे पे ढेर, बोले, "टीवी चालू करो!" बीवी ने रिमोट झपटा, "आज मेरा सीरियल, तू तो बस चुप रहो!" पति ने मुँह बनाया, जैसे विलेन ने कर दी हो चालबाज़ी, "अरे बीवी, ये घर मेरा, या तेरा ड्रामा स्टूडियो की साज़िश?" बीवी ने तेवर दिखाए, बोली, "सुन, मैं हूँ इस घर की क्वीन!" "तू तो बस मेरे पीछे, जैसे एक्टर सपोर्टिंग सीन!" पति ने सोचा, "हाय रे किस्मत, ये तो बन गई शहंशाह!" चुपके से किचन में घुसा, पर प्याज़ काटते ही आँखों में आया पछतावा! शनिवार को पति बोले, "चल, रोमांटिक डेट पे चलें!" बीवी ने आँख मारी, "पहले मॉल, फिर जो चाहूँ, वो लें!" पति का चेहरा लटका, जैसे फिल्म का हीरो फ्लॉप हो गया, "अरे बीवी, ये बिल देख, मेरा तो बजट डूबके ड्रॉप हो गया!" रात को बीवी ने पूछा, "बताओ, मैं कैसी लगती हूँ, मेरे राजा?" पति ने डायलॉग मारा, "तू तो चाँदनी, मैं तेरा सूरज का ताज़ा!" बीवी ने हँसके बोला, "तो फिर गिफ्ट क्यों नहीं लाए, मेरे सूरज?" पति चुप, सोचा, "ये तो फँसा, अब तो बस बचेगा मेरा मूँज!" कभी खटपट, कभी मस्ती, जैसे फिल्म का क्लाइमेक्स सीन, पति-पत्नी की ये जोड़ी, बिल्कुल बॉलीवुड का ड्रीम क्वीन-किंग! एक बिना दूसरा अधूरा, जैसे बिना डायलॉग का सलमान, प्यार, तकरार, और मस्ती, ये है इनका असली रंगीन समां! तो सुनो यार, ये है पति-पत्नी का ब्लॉकबस्टर तमाशा, हर सीन में मज़ा, हर डायलॉग में मस्ती का आलम ताज़ा! बीवी की शरारत, पति का स्वैग, दोनों का है धमाकेदार खेल, ये रिश्ता है जैसे मसाला फिल्म, जिसमें हर पल है मस्ती का मेल! -लेखक , सुहेल अंसारी । सनम @9899602770(व्हाट्सअप) suhail.ansari2030@gmail.com
*इश्क की राह* तेरा ज़िक्र दिल में जज़्बात बनके है अभी, इश्क़ का वो गहरा समंदर बाकी है अभी। रात की सैर में तू ख़्वाब बनके आता है, चाँद में तेरा वो नूर बरसता है अभी। ज़िंदगी एक सवाल, तू जवाब बन गया, हर सवाल का वो मानी राकी है अभी। तुझ बिन अधूरी सी हर धड़कन लगती है, वो मोहब्बत का आलम बाकी है अभी। खामोशी में भी तेरी बात गूँजती है, सन्नाटों में वो लहजा नाकी है अभी। वक़्त की राह में कांटे बिछे हैं बहुत, फिर भी तुझ तक का रास्ता बाकी है अभी। तूने छुआ जो दिल, वो शमा जल उठी, उस शमे का वो उजाला राकी है अभी। हर साँस में तेरा नाम बस्ता है कहीं, वो इश्क़ का जुनून, वो जाकी है अभी। फूल खिलते हैं, मगर तुझ सा रंग कहाँ, बाग़-ए-दिल में वो बहार बाकी है अभी। तुझसे बिछड़कर भी तुझ में ही जीता हूँ, वजूद का वो सवाल बाकी है अभी। चाँदनी रात में तेरा इंतज़ार है सजा, वो बेचैनी का सिलसिला बाकी है अभी। तेरा हर लफ्ज़ है जैसे कोई दास्तान, दिल के पन्नों में वो किताब बाकी है अभी। ज़िंदगी एक सफ़र, तू मंज़िल बन गया, उस मंज़िल का वो ख़्वाब बाकी है अभी। बारिश की बूँदों में तेरा अक्स नज़र आए, हर कतरे में वो तस्वीर राकी है अभी। तू दूर है मगर, पास है मेरे वजूद में, वो रिश्ता-ए-दिल का इक़रार बाकी है अभी। हर कदम पे तेरा साथ महसूस होता है, वो नज़दीकी का वो एहसास बाकी है अभी। तेरे ख़तों की वो स्याही, वो लफ्ज़ों का जाम, हर लफ्ज में वो पैग़ाम बाकी है अभी। इश्क़ ने सिखाया है जीने का फ़न हमें, वो सबक़-ए-ज़िंदगी का मज़ा बाकी है अभी। तूने दी थी जो दुआ, वो क़बूल हो गई, उस दुआ में तेरा वो करम बाकी है अभी। ग़ज़ल तुझ तक पहुँचे, यही है अरमाने सुहेल, मेरे लफ्ज़ों में तेरा वो जाम बाकी है अभी। लेखक सुहेल अंसारी।सनम @9899602770 suhail.ansari2030@gmail.com
🌹 दिल की राहों में - ग़ज़ल🌹 **मत पूछो दिल का हाल, ये कहाँ बयाँ होता है,** **हर साँस में दर्द छुपा, हर आह निशाँ होता है।** **रातों को जागता हूँ तेरे ख़यालों के सहारे,** **चाँद भी मेरा हमसफ़र, पर तू पर्दानशीं होता है। **मिलने की दुआ करो, ये वक़्त गुज़र जाएगा,** **फिर वो मुस्कुराहटें, फिर वो अंदाज़ होता है।** **देखा है सपनों में कई बार तेरा चेहरा,** **जागने पे आँखों में सिर्फ़ धुँधला सा होता है।** **तन्हाईयों में भी तेरी याद संग रहती है,** **हर शाम यहाँ कोई न कोई फ़साना होता है।** **लिखता हूँ हज़ारों ख़त मगर भेजता नहीं,** **हर लफ्ज़ में तेरा नाम, हर लफ़्ज़ गवारा होता है। **दर्द-ए-हिज्रां का शिकवा भी क्या करूँ मैं,** **जब भी सुनाता हूँ, सुनने वाला बेज़ार होता है।** **ज़िन्दगी की राहों में अब साथ तेरा नहीं,** *हर मोड़ पे लगता है कोई न कोई ग़म नया होता है। **तेरे जाने के बाद ये दिल उदास रहता है,** **हर मौसम में अब तो बस एक ही रंग होता है।** **देख कर तेरी तस्वीर आँखें भर आती हैं,** **ये दिल भी क्या कमाल है, कितना नादाँ होता है। **कितनी बार समझाया मैंने इस दिल को,** **फिर भी ये तेरे प्यार में दीवाना होता है।** **तेरे बिन जीना मुश्किल, तेरे बिन मरना भी,** **हर हाल में ये दिल तेरा ही दीवाना होता है।** **ये जो दूरियाँ हैं हमदम, मिट जाएँगी एक दिन,** **वो वक़्त भी जल्द अज़ जल्दआएगा ** **फूल खिलते हैं बाग़ में, पर महक तेरी नहीं,** **हर ख़ुशबू में अब तो बस तेरा ही ग़म होता है।** **देखा है सपनों में कई बार तेरा चेहरा,** **जागने पे आँखों में सिर्फ़ धुँधला सा होता है।** **तुम मिलो तो जहाँ में रौनक़ आ जाए,** **वरना ये ज़िन्दगी तो बस एक सितम होता है।** **कितने अरमान लिए है इस दिल में तेरे लिए,** **हर ख़्वाहिश में अब तो बस तेरा ही नाम होता है। **दर्द भरे इस दिल को अब कोई समझे तो सुहैल, *वरना ये दर्द-ए-हक़ीक़त भी अब फ़साना होता है। **मन कहता है पर दिल ये बेकरार मेरा,** **तेरे बिन जीने का कोई सहारा नहीं होता है।** **बस अब इंतज़ार है तेरा, न ही कोई ख़्वाहिश,** **बस ये दिल ही दिल है, जो तेरा दीवाना होता है। लेखक, सुहेल अंसारी।सनम @9899602770(whatsup) suhail.ansari2030@gmail.com
**तुम हो मेरा आसमां** तुम हो मेरा आसमां, मैं तारा खोया सा, तुम्हारे बिन ये दिल, लगे है अधूरा सा। तुमसे जुड़ी हर बात में है कोई जादू, तेरी हंसी में जैसे छिपी है सदीयों की खुशबू। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। तुम हो वो आवाज़, जो दिल को छू जाती, तेरे बिना जैसे सांसें भी रुक जातीं। हर पल तुम्हारी याद में दिल यूं बहकता, तू मेरे पास हो तो वक़्त भी ठहर जाता। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। तुमसे जुड़ा हर सपना, मेरी आँखों में पलता, तुम हो वो ख्वाब जो हकीकत से भी सच्चा लगता। तेरी हर धड़कन में बसी है मेरी सुकून की धुन, तू हो जहाँ, वहीं मेरा दिल करता है जुनून। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। सुहेल अंसारी (सनम)
"""" अहसास """" वो घर जो था कभी जन्नत, अब वीरान हो गया, बच्चों का दिल मां बाप से बेगाना हो गया। जिनके लिए हर सुख बिछाया था आँगन में, वो छोड़ गए सब खंडहर समझकर इस आंगन को। कभी थी चहल-पहल, गूँजती थी हँसी, अब सूनेपन का मातम बस्ता है यहां । काँपते हाथों में अब , ताकत बची नहीं, जो थामे थे बच्चों को, वो हिम्मत अब नही रही । यादें चुभती हैं, जैसे काँटों का गुलदस्ता बनकर, बच्चों की यादों का बस , बंवडर सा रहा। क्या गलती थी, जो सजा ऐसी मिली हमें, जुर्म क्या किया हमने ,पता तो चलता हमें सजा दी हमे, हमारे जिस्म के हिस्सों ने अहसास रहेगा जिंदगी भर हमें। सर्द रातों में ठिठुरते हैं उनकी यादों मै, कभी जो छाँव थी, वो आसरा खो गया। दुनिया की आंखों ने देखा, मगर बोलें नहीं, बूढ़ों के दर्द का अब कोई मोल ना रहा। खामोशी ने घेर लिया है दिल का हर कोना कोना, अब हँसी का कोई नक्शा बाकी ना रहा। कभी सपनों में बसते थे बच्चे हमारे, वो सारे ख्वाब अब मिट्टी में मिल गए। दर-दर भटकते हैं, ढूंढती है उनको हमारी नज़रे , पर हर तरफ उनके अक्स का बुलबुला सा मिला। जिस्म थक गया, साँसें बोझ बन गई अब, जिंदगी का हर रंग अब धुंधला सा गया। काश! वो पल लौटें, जब प्यार का आंगन था ये घरौंदा । अब तो बस मायूसी का साया बस्ता है यहां । रोता है दिल आँसू थमते नहीं अब, इस मायूसी में अब जीने का सबब ना रहा। कभी तो सुन ले कोई पुकार इन साँसों की, वरना ये जिंदगी अब मिट्टी में खो जायेगी। ढूंढते रहोगे जब हम ना रहेंगे, कब्रों मै जा कर वापिस नहीं आता कोई । मिलने की उम्मीद भी अब धुंधली सी पड़ी जाती सुहेल। हर उम्मीद का दीया ,जैसे बुझता सा जा रहा । लेखक ! सुहेल अंसारी(सनम) Email-suhail.ansari2030@gmail.com
**एक बाप** बाप की छाँव में बेटा पलता है सदा, प्यार का वो आलम रहता है सदा। बेटे की हंसी से बाप का चेहरा खिले, खुशी का सागर उमड़ता है सदा। बाप के कंधों पे बेटा चढ़ता है जब, आकाश की ऊंचाइयों को छूता है सदा। बेटे के लिए बाप हर ग़म सहता है, चुपके से आंसू वो पीता है सदा। बाप की सीख है बेटे का रास्ता, जीवन का सच वो सिखाता है सदा। बेटे की राहों में बाप की दुआ, हर कदम पे साया वो चलता है सदा। बाप का त्याग है बेटे की नींव, उसकी मेहनत रंग लाती है सदा। बेटे का सपना है बाप की दुनिया, उसमें बसी हर खुशी गुनगुनाता है सदा। बाप के चेहरे की झुर्रियां बताती है, बेटे के लिए वो जिया है सदा। बेटे की गलतियों को वो माफ कर दे, दिल से उसे सही रास्ता दिखाए सदा। बाप की हर सीख हैं बेटे का खजाना, सीख का वो दीप जलाता है सदा। बेटे के आंसू हैं बाप का दुखड़ा, उसकी खुशी को तरसता है सदा। बाप-बेटे का रिश्ता है अनमोल सदा, किसी का भी ये बंधन न छूटे ये दुआ है सुहेल की हर बेटा बने बाप का गर्व एक दिन, हर बाप ये उम्मीद रखता है सदा । सुहेल अंसारी(सनम) suhail.ansari2030@gmail.com
**ग़ज़ल: जुदाई की तड़प** तेरे बिन सूना सा हर एक मंज़र रहा, दिल में बस तेरा ही आलम बस्तर रहा। खामोशी की चादर ओढ़े रातें जागतीं, चाँद भी तन्हा, जैसे मुझ में बिखर रहा। वो मुलाकातें, वो बातें, वो हँसी के पल, अब ख्वाबों में बस धुंधला सा असर रहा। साँसों में बसी थी जो तेरी खुशबू कभी, अब आँसुओं का वो समंदर बिखर सा रहा। गलियों में तेरी याद की सैर करता हूँ, हर कदम पे दर्द का साया नुमाया सा रहा । क्या कहूँ इस जुदाई ने क्या-क्या छीना, खुद से भी मेरा वजूद अब बे-सहर रहा। तेरे बिना हर लम्हा इक सजा सा बन गया, जिंदगी का हर रंग अब जैसे ,बे रंग सा लगा l कभी नज़रों में थी तुझ से दुनिया सारी, अब आँखों में बस तेरा ही अक्स रहा। सुनहरी यादों का मेला दिल में सजता है, पर हर याद में तेरी दर्द का सैलाब बहता रहा। कहाँ गए वो वादे, वो कसमें, वो बातें, अब बस तन्हाई का सफर अकेले ही कट ता रहा। तू पास नहीं, फिर भी तू हर जगह बस्ता, दिल का हर कोना तुझ से ही तो बस्तर रहा। जुदाई की आग में जलता हूँ रात-दिन, फिर भी तुझ में ही मेरा जीना बसर रहा। कभी तो आएगा वो लम्हा मुलाकात का, जो ख्वाबों में हर पल मुझ में संवर रहा। इस दिल ने चाहा तुझ को हर साँस में बस, पर जुदाई का दर्द ही अब तक बिखर रहा। सुहेल अंसारी (सनम) #9899602770 suhail.ansari2030@gmail.com
**तुम हो मेरा आसमां** तुम हो मेरा आसमां, मैं तारा खोया सा, तुम्हारे बिन ये दिल, लगे है अधूरा सा। तुमसे जुड़ी हर बात में है कोई जादू, तेरी हंसी में जैसे छिपी है सदीयों की खुशबू। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। तुम हो वो आवाज़, जो दिल को छू जाती, तेरे बिना जैसे सांसें भी रुक जातीं। हर पल तुम्हारी याद में दिल यूं बहकता, तू मेरे पास हो तो वक़्त भी ठहर जाता। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। तुमसे जुड़ा हर सपना, मेरी आँखों में पलता, तुम हो वो ख्वाब जो हकीकत से भी सच्चा लगता। तेरी हर धड़कन में बसी है मेरी सुकून की धुन, तू हो जहाँ, वहीं मेरा दिल करता है जुनून। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। सुहेल अंसारी (सनम) @9899602770 suhail.ansari2030@gmail.com
**तुम हो मेरा आसमां** तुम हो मेरा आसमां, मैं तारा खोया सा, तुम्हारे बिन ये दिल, लगे है अधूरा सा। तुमसे जुड़ी हर बात में है कोई जादू, तेरी हंसी में जैसे छिपी है सदीयों की खुशबू। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। तुम हो वो आवाज़, जो दिल को छू जाती, तेरे बिना जैसे सांसें भी रुक जातीं। हर पल तुम्हारी याद में दिल यूं बहकता, तू मेरे पास हो तो वक़्त भी ठहर जाता। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। तुमसे जुड़ा हर सपना, मेरी आँखों में पलता, तुम हो वो ख्वाब जो हकीकत से भी सच्चा लगता। तेरी हर धड़कन में बसी है मेरी सुकून की धुन, तू हो जहाँ, वहीं मेरा दिल करता है जुनून। तुम हो मेरा आसमां, मैं हूं तेरी जमीन, साथ रहूं बस तुम्हारे, दिन हो या रातें, हसीन। तुमसे ही पूरा हूँ, तुम ही मेरा जहाँ, तुम हो मेरा आसमां, तुम हो मेरी दास्तां। सुहेल अंसारी (सनम) @9899602770(whatsup only) suhail.ansari2030@gmail.com
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser