"कुछ नहीं कहना है मुझको"
कुछ नहीं कहना है मुझको,
ना शिकवा, ना गिला किसी से।
बस थक गई हूं उन सवालों से,
जिनके जवाब मैं खुद नहीं जानती।
हर कोई कहता है —
तैयारी क्यों नहीं की?
पर कोई ये नहीं पूछता —
क्या ठीक था मेरे अंदर?
भीड़ में हंसी उड़ती है,
और मेरी चुप्पी और गहराती है।
शायद हार नहीं है ये,
बस एक सांस है… खुद को समेटने की।
तो प्लीज़…
आज कुछ मत पूछो मुझसे।
क्योंकि सच कहूं —
कुछ नहीं कहना है मुझको।
✍️ InkImagination
Thanku 🥰🥰...