*दोहा-सृजन हेतु शब्द*
*सूरज,धूप, बैसाख, तेवर, ताव**
*दोहा-सृजन हेतु शब्द*
सूरज की दादागिरी, चलती है दिन रात।
हाथ जोड़ मानव करें, वरुणदेव दें मात।।
धूप दीप नैवेद्य से, प्रभु को करें प्रसन्न।
द्वारे में जो माँगते, उनको दें कुछ अन्न।।
बैशाख माह में दान का, होता बड़ा महत्व।
यही पुण्य संचित रहे, सत्य-सनातन-तत्व।।
चौसठ योगनी शिव-गिरि, भेड़ाघाट सुनाम।
तेवर में माँ भगवती, त्रिमुख रूप सुख धाम।।
पहलगांव में फिर दिया, आतंकी ने घाव।
भारत को भी आ गया, नर्क-भेजने-ताव।।
मनोजकुमार शुक्ल *मनोज*