// टच वुड //
हालाँकि ब्रिटिश अंग्रेजी का यह शब्द आज भी मध्यम वर्ग में इतना कॉमन नहीं है कि हर कोई इसे बोलता नज़र आए, लेकिन फिर भी शिक्षित वर्ग में इस शब्द का प्रयोग अक़्सर किया जाता है। ये नहीं कहा जा सकता कि 'टच वुड' बोलने वाले कितने लोग इसके वास्तविक मायने जानते है, लेकिन यदि इसका सही अर्थ जानने वाले भी इसे प्रयोग करते हैं, तो यह सहज ही आश्चर्यजनक है।
वैसे 'टच वुड' का प्रयोग करना ऐसे ही है जैसे हमारे यहाँ 'नज़र न लगे' कहा जाता है। और नज़र न लगने के टोटकों का यह विश्वास दुनिया के कई समुदायों में भिन्न-भिन्न रूपों में पाया जाता है। अपने यहाँ भी लाल मिर्च जलाना, धूनी देना, काजल लगाना, काला/लाल धागा बाँधना, नींबू लटकाना या नज़र बट्टू के मुखौटे टाँगना, जैसे सैकड़ों उपाय किए जाते हैं। और आजकल तो मोबाईल में भी बुरी नज़र रोकने के लिए एक इमोजी 👁️ आ गई है।
बहरहाल बात हो रही थी, टच वुड की। और ब्रिटिश अंग्रेजी में 'टच वुड' या अमेरिकन अंग्रेजी में 'नॉक ऑन वुड' यह बताने के लिए प्रचलित है कि आप जो कुछ कर रहे हैं उसमें आपको सफलता की, अच्छे भाग्य की उम्मीद रहे। आप 'टचवुड' कहते हैं और सुनने वाला भी आपसे सहमत होता हुआ कभी-कभी टचवुड कहता है। टचवुड बोलने के साथ ही लकड़ी का स्पर्श करना शुभ माना जाता है और बअगर टचवुड बोलकर लकड़ी को टच नहीं करते तो यह भी अशुभ माना जाता है।
लेकिन शायद कम लोग ही जानते होंगें कि एक क्रिस्चियन विश्वास के अनुसार सूखी लकड़ी में दुष्ट आत्माओं का निवास होता है और यदि हम कुछ सौभाग्य की बात कहते हैं तो दुष्ट आत्माएँ सुन लेती हैं और उसमें बाधा उत्पन्न करती हैं; इसलिए लकड़ी को छूकर उन्हें शान्त किया जाता है जिससे दुर्भाग्य न आए। माना जाता है कि इस शब्द का प्रयोग ईसा पूर्व से चला आ रहा है।
बहरहाल अब ये चाहे विश्वास हो या मिथक, लेकिन हमारे यहाँ तो ये उन नजर बट्टूओं की एक कड़ी ही बनता जा रहा है, बाकी विश्वास अपना-अपना।
. . . वीर।