Hindi Quote in Story by ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

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‘आखिरी खत’

बड़े दिनों के बाद उसके नाम से एक
खत आया लेकिन इस बार खत को
     देखकर कोई खुशी नहीं हुई,

  उस रात फिर इसी विचार में रहा,
खत पढ़ूं या ना पढ़ूं सोचा बिना पढ़े
         ही जवाब लिख दूंगा,

और फ़िर एकाएक ख्याल आया कि
शायद तुम वापस आ रही हो नहीं तो
      इतने अरसे बाद खत क्यों,

मन में ऐसे कई विचार थे शायद फिर
एक नई शुरुआत हो या तुम्हें मेरे प्यार
       का एहसास हुआ होगा,

इन सभी विचारों को लेकर मैं सोचने
   लगा कि खत पढ़ूं या बिना पढ़े ही
             जवाब लिख दूं....?

    फिर अपने प्रेम की गहराइयों में
     कहीं झांक के देखा तो एक ही
      आवाज आई कि, वो वापस
              आना चाहती है,

     थोड़ा समय लेने के बाद सभी
मतभेदों को खतम कर निश्चय किया
              खत पढ़ने का,

   खत चूंकि तुम्हारा था तो सीने से
लगाकर महसूस करने की कोशिश
  की और बड़े ही प्रेम भाव से खत
                 को खोला,

शुरू के शब्द वाक्य वही थे जो तुमने
हमारे प्रेम को जाहिर करते हुए पुराने
खतों में लिखे थे और मैं ये सब देख
         बहुत प्रफुल्लित हो उठा,

भूल गया वो सब जो कुछ मुझे पूछना
था इतने अरसे तक क्यूं तुम मुझसे
दूर रहे क्यूं...?

और फिर अपनी हैसियत के प्रेम की
सीमाएं ना लांघते हुए खत आगे पढ़ने
                   को सोचा,

मेरे चेहरे की मुस्कान यूं कम तो नहीं
    हुई मगर हृदय में कुछ पीड़ा हुई,

  मैं बस सोचने लगा कि कोई इतने
  कठिनतम पीड़ादाई प्रेम के किस्से
   का वर्णन इतने सहज और सरल
      लहजे में कैसे कर सकता है,

मैं सोचने लगा कि तुम इतना अच्छा
            लिख सकती थी,

विरह को इतना सरल किसी ने नहीं
  लिखा होगा और मैं तुम्हें साहित्य
की बहुत बड़ी लेखिका का दर्जा देना
                 चाहता था,

मैं तुम्हारे और साहित्य के मिलन से
परस्पर खुश था और तुम्हारे खत की
जगह सब किताबों से अलग सबसे
          ऊपर रखने को सोचा,

    मैं तो प्रेम तुम्हारा मेरा मिलना
समझता था मसलन असल प्रेम तो
तुम्हारा एकांत दुनिया और साहित्य
                  का था,

मेरे साथ रहकर कब तुम साहित्य की
  प्रेमिका बन गई पता ही नहीं चला,

मगर सांसारिक दुनिया में तुम साहित्य
  को जीवनसाथी मानकर आगे कैसे
जिओगी ये सब विचार मेरे हृदय के
आसपास ही कहीं थे और तुम अभी
       भी मेरे हृदय के समीप थे,

तुम्हारा और मेरे प्यार में विरह, कहीं
तुम्हारा साहित्य से मिलन एक नए
             प्रेम की कहानी,

तुम्हारा आखिरी खत और मेरी छोटी
           सी यही कहानी...🔥
╭─❀🥺⊰╯ 
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   ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪   
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Hindi Story by ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़ : 111971960
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