मैं और मेरे पति हम दोनों के हमारे अलावा और तीन भाई बहन हैं मेरे पति सबसे बड़े हैं और उनसे छोटी तीन बहनें हैं ।मैं भाई बहनों में दूसरे नंबर पर हूँ ।मुझसे बड़ा भाई एक छोटा भाई और सबसे छोटी बहन ।एक दिन हम दोनों बैठे थे तो वो बोले कि ये कैसा इत्तफ़ाक़ है कि हम दोनों ही चार भाई बहन हैं और इससे भी बड़ा इत्तेफ़ाक़ ये है कि हम दोनों अपनी अपनी माता पिता की चौथी संतान हैं । चौथी संतान हैं !वो कैसे ?मैंने पूछा ,तो वो बोले मैं ये क्रम जन्म के आधार पर नहीं नहीं हमारे माता पिता के प्रेम के आधार पर बता रहा हूँ ।मैं अब भी असमंजस में थी कि वो क्या कहना चाहते हैं ।तो उन्होंने ये बताया कि बात ये है वैसे तो मैं सबसे बड़ा हूँ पर, माता - पिता के प्यार का बँटवारा होते होते मैं चौथे स्थान पर आ गया हूँ ।मेरे बाद जैसे -जैसे मेरी बहनें हुई उन्हें प्राथमिकता मिलने लगी ।इसके पीछे कई कारण थे पर जो प्रमुख कारण था वो ये था कि बेटियों के मन में में यह न आ जाए कि माता पिता को पुत्र ज़्यादा प्यारा है इसलिए हमेशा मुझे उपेक्षित कर उन्हें स्नेह और संरक्षण दिया गया और जो कि आज तक बरकरार है सबसे छोटी बेटी सबसे प्यारी और इस क्रम में मैं चौथे स्थान पर हूँ ।मैंने कहा इस तरह देखें तो अब मुझे समझ आ गया कि मैं भी चौथी संतान हूँ। माँ पिताजी हमेशा बड़े बेटे को विशेष प्यार स्थान और सम्मान देते आए हैं क्योंकि वो बड़ा है ।चलिए ये स्वीकार हैं । माँ को विशेष प्यार है अपनी छोटी बेटी से तो वो हुई भ
दूसरी संतान आज तक माँ को उससे ही विशेष से प्यार है उसके प्रति माँ विशेष रूप से संवेदनशील है और उसके बाद छोटा भाई वो तीसरे नंबर पर ही है वैसे भी माँ के मन का एक कोना हमेशा ही रिक्त रहा कि वह अपने छोटे बेटे के लिए कुछ कर नहीं पाई । इस भावना से माँ उस छोटे बेटे से बहुत प्यार करती है और भावनात्मक तौर पर उससे जुड़ी हुई हैं तो हो गई ना मैं भी माँ के लिए चौथी संतान मेरे लिए माँ को विशेष सोचना ही नहीं पड़ता था क्योंकि माँ को लगता था कि मैं तो आत्मनिर्भर हूँ व आर्थिक रूप से सक्षम हूँ इसलिए मुझे कुछ नहीं चाहिए और न ही वो मुझे देने के लिए इच्छुक है ।पर बात तो ये सही है ना कि हमारे पास चाहे कितनी आर्थिक सम्पदा हो पर प्यार और संरक्षण की आवश्यकता कभी पूरी नही होती।पर आज मैं ये सोच रही थी कि सोच रही थी कि यह संयोग नहीं है तो फिर क्या है कि हम दोनों पति पत्नी अपने माँ बाप की आँखों के तारे नहीं है जब हमारा उनकी नज़रों में चौथा स्थान है तो हमारे बच्चों का भी तो वही दर्जा है।🙏🏻