डरता बहुत हूँ कि तू गलत हाथों में तो नहीं...
मोहब्बत दिल से की जाती है जज़्बातों से तो नहीं...
फिर भी तुझसे बस यही चाहते हैं...
तू मत आ पर सुन ले बस हम क्या कहना चाहते हैं
आज भी तुम बेहद प्यारी लगती हो...
हमारे उसी अधूरे ख्वाब सी लगती हो...
मत पूछना मुझसे कि ये कब तक करते रहोगे...
कब तक मेरी याद में यूँ ही मरते रहोगे...
जवाब बड़ा छोटा सा है...
चाहे ज़िंदगी भर के सौदे सा है...
जब तक उसके ख्वाब हमें आते रहेंगे...
हम यूँ ही उसकी तस्वीरों को देख मुस्कुराते रहेंगे...
- Kshitij daroch