आज तू एक बार फिर सपने में दिखी है...
आज फिर हमने एक और शायरी लिखी है...
सुना तो तुझे न कल पाए थे न आज पाएंगे...
हर बार की तरह तेरी तस्वीर को सुनाएंगे...
तेरे ख्याल अब न जाने कितने दिनों तक आएंगे...
और न जाने कितने दिन तुझे फिर से भूलाने में लग जाएंगे...
- Kshitij daroch