जब देखा पहली बार था उसको ,
हलचल दिल में खूब हुई थी ..!!
नजरो से जब टकराई तेरी नजरें ,
धड़कनों में धक धक खूब हुई थी ,
फिर आया मौसम बरसाती इश्क का ,
दिल–ए –गहराई में तेरी छाप छपी थी ,
जब पहली बार हम मिले थे तन्हा ,
होठों पर मुस्कान खिल उठी थी...
करीब ना आया वो एक भी पग मेरे ,
आंखो की घबराहट भाप जो ली थी ,
उसने चूमा मेरे माथे को प्रेम से ,
मैं कतरा कतरा महक उठी थी ,
करता हूं तेरी रूह से इश्क मैं ,
मूकदर्शक मैं बन चुकी थी..
आंखो ने सब किया बयान था ,
मैं उसके रंग में रंग चुकी थी ,
भर लिया मैने बाहों में उसको ,
मैं उसको अपना मान चुकी थी ।।
आंचल गुप्ता ✍️...