🍁 तकदीर🍁
ज़िंदगी का सफर है, तकदीर का खेल,
कभी हंसी, कभी आंसू, कभी घाव गहरे।
कभी उड़ान आसमान की, कभी धरती से सटा,
कभी मिलता है साथ, कभी रह जाता है अकेला।
तकदीर लिखी है, या खुद लिखते हैं हम,
ये सवाल उठता है, मन में हर पल।
कर्मों का फल मिलता है, ये सच है,
फिर भी किस्मत का हाथ, कभी न कभी लगता है।
कभी लगता है, सबकुछ खो दिया,
कभी मिलती है नई उम्मीद, नया रास्ता।
तकदीर के खेल में, हम बस चलते रहते हैं,
कभी हारते हैं, कभी जीतते हैं।
ज़िन्दगी का सफर है, तकदीर का खेल,
कभी हंसाती है, कभी रुला देती है।
मेहनत करो, लगन लगाओ, विश्वास रखो,
तकदीर बदलेगी, ये बात याद रखो।
कभी लगता है, सब कुछ खो गया,
फिर अचानक से, रास्ता नया मिल गया।
तकदीर के खेल में, सब कुछ बदल जाता है,
बस धैर्य रखो, ये बात याद रखना है।
अपनी मेहनत पर भरोसा रखो,
तकदीर भी साथ देगी, ये सोचो।
हर मुश्किल का हल होता है,
बस कोशिश करते रहो, ये याद रखो।
तकदीर को कोसने से कुछ नहीं होता,
अपनी मेहनत से, सब कुछ होता है।
इरादे मजबूत रखो, लक्ष्य की ओर बढ़ो,
तकदीर तुम्हारे कदमों में होगी।