"जा रहे हो दोस्त (2024)..."
दोस्त इसलिए बोला तुम्हें क्योंकि तुमने मुझे जीवन के बेहतरीन पाठ एक साथ पढ़ाए...
जीवन से संबंधित वो सभी सीख तुमने मुझे दी। जिनसे मेरा जीवन अब तक अनभिज्ञ रहा।
अल्हड़पन में खोते जीवन को एक अलग नजरिए से सोचने और समझने की शक्ति दी।
तुम्हारे साथ चलते चलते बहुत कुछ खोया भी मैने जो मेरे लिए महत्वपूर्ण था... मगर कड़ी धूप में चलते हुए बहुत कुछ सीखने को भी मिला।
खोने का सिलसिला चलता रहा तो सीखने का तरीका भी मिलता रहा।
दोस्त कहा है तो शिकायत तो लाज़मी है तुमसे कि तुमने अपने आखिरी पड़ाव में भी सीख देना जाटी रखा। कोई नहीं... तुम्हारी हर सीख मुझे बहुत कुछ सीखा कर गई। मेरे लिए ख़राब नहीं रहे तुम... बल्की शुक्रगुजार हूं जीवन के महत्वपूर्ण अनुभव पाकर।
Goodbye
मेरी यादों की डायरी में तुम्हारे सानिध्य में गुजरे पल हमेशा केद रहेंगे.....
अलविदा दोस्त (2024)...
आज मेरा जन्म दिन है
wish करने वाला मेरा अपना कोई नहीं