उज्जैन में मेरा जन्म हो,ओमकारेश्वर में पल जाऊँ।
खेलू नागेश्वर के साथ,सोमनाथ सी ढल जाऊँ।
त्र्यंबकेश्वर से शिक्षा, भीमाशंकर से बल पाऊँ।
धुष्णेश्वर से मुझे ज्ञान मिले , देख मल्लिकाजूर्ण को भवसागर को तर जाऊँ।
रामेश्वर में मुझे राम मिले, वेधनाथ से विजय पाऊँ।
हो केदारनाथ में दिन आख़िरी और काशी में मर जाऊँ।
🙏🙏🙏🙏
Har Har Mahadev......