शायरी
वक्त सबको मीलता है ज़िंदगी बदलने के लिए,
ज़िंदगी दोबारा नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए॥
कुछ लोग पिघलकर मोम की तरह रिश्ते निभाते है,
और कुछ लोग आग बनकर उन्ही को जलाते है ॥
ना चाहते हुए भी किसी को छोडना पडता है,
कुछ मजबूरियाँ मोहब्बत से भी ज़्यादा गहरी होती हैं ॥
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- Umakant