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Umakant

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@mehtaumakantoutlook.com109738


“एक प्यार का नग्मा है …..”


हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म
एक प्यार का नगमा है
मौजों की रवानी है
एक प्यार का नगमा है
मौजों की रवानी है
ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है
मौजों की रवानी है
ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है
ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला
कुछ पाकर खोना है
कुछ खोकर पाना है
जीवन का मतलब तो
आना और जाना है
दो पल के जीवन से
एक उम्र चुरानी है
ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है
तू धार है नदिया की
मैं तेरा किनारा हूँ
तू मेरा सहारा है
मैं तेरा सहारा हूँ
आँखों में समन्दर है
आशाओं का पानी है
ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है
एक प्यार का नगमा है”
❤️
- Umakant

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“मेरी याद में तुम न आँसू बहाना”

“मेरी याद में तुम न आँसू बहानाट
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना
समझना के था एक सपना सुहाना
वो गुज़रा ज़माना, मुझे भूल जाना
मेरी याद में
जुदा मेरी मँज़िल, जुदा तेरी राहें
जुदा मेरी मँज़िल, जुदा तेरी राहें
मिलेंगी न अब तेरी-मेरी निगाहें
मुझे तेरी दुनिया से है दूर जाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना
मेरी याद में
ये रो-रो के कह्ता है टूटा हुआ दिल
ये रो-रो के कह्ता है टूटा हुआ दिल
नहीं हूँ मैं तेरी मोहब्बत के काबिल
मेरा नाम तक अपने लब पे न लाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना
मेरी याद में तुम न आँसू बहाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना
समझना के था एक सपना सुहाना
वो गुज़रा ज़माना, मुझे भूल जाना
मेरी याद में”

- Umakant

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“ज़िंदगी सिर्फ़ मोहब्बत नही कुच्छ और भी है
ज़ुलफ ओ रुकसर की जन्नत नही कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया मे
इश्क़ ही एक हक़ीकत नही कुछ और भी है”
💕
- Umakant

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“खिज़ा के फूल …..”

खिज़ा के फूल पे आती कभी बहार नहीं
मेरे नसीब में ऐ दोस्त, तेरा प्यार नहीं
मेरे नसीब में ऐ दोस्त, तेरा प्यार नहीं ...

ना जाने प्यार में कब मैं, ज़ुबां से फिर जाऊं
मैं बनके आँसू खुद अपनी, नज़र से गीर जाऊं
तेरी क़सम है मेरा कोई, ऐतबार नहीं
मेरे नसीब में ...

मैं रोज़ लब पे नई एक, आह रखता हूँ
मैं रोज़ एक नये ग़म की राह तकता हूँ
किसी खुशी का मेरे दिल को, इन्तज़ार नहीं
मेरे नसीब में ...

गरीब कैसे मोहब्बत, करे अमीरों से
बिछड़ गये हैं कई रांझे, अपनी हीरों से
किसी को अपने मुक़द्दर पे, इख्तियार नहीं
मेरे नसीब में ...

खिज़ा के फूल पे आती कभी बहार नहीं
मेरे नसीब में ऐ दोस्त, तेरा प्यार नहीं
- Umakant

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દિકરી

બીજી દિકરી બે વર્ષની થવા આવી.. વિજુને ફરી સારા દિવસો હતા..

નરોતમ શેઠ મનમાં ઘોડા ઘડ્યે રાખતા.. અંતે દિકરા વસંતને કહી દીધું.. "શહેરમાં ડોક્ટરને મળીને બતાવવાનું નક્કી કરી આવ.."

વસંત જઈ આવ્યો..

"તપાસના ત્રણ હજાર.. ને જરુર પડે તો.. બીજા સાત હજાર.. દરદી સાથે એક સ્ત્રી જ આવે.. કાયદાથી બીવું પડે.."

બીજે દિવસે જ સાસુ-વહુને બસમાં મોકલ્યા..

બસના પગથીયાં ઉતરતાં વિજુ હાંફવા લાગી.. જમનાએ હાથ જાલી દુરના બાંકડે બેસાડી..

જરા વારે વિજુએ કહ્યું "બા.. મને બહુ બીક લાગે છે.. દિકરી હશે તો..? "

નિસાસો નાખી જમના બોલી.. "પુરુષ બધા સરખા.. નામ રાખવા દિકરો જોઈએ.. પછી ભલે ઉઠેલ પાકે.. હું ય કોકની દિકરી.. તુંય કોકની દિકરી.. એવી જ આપણી દિકરી.. મારી થોડી નખાય.. આપણે દવાખાને જવું નથી.. હું ખોટું બોલીશ.."

અવાજમાં મક્કમતા હતી.. "ત્રણ હજાર કયાંક સંઘરી રાખશું.. કોકદી કામ લાગશે.."

બેઉ ઘરે પાછી વળી.. શેઠ રાહ જોઈને જ બેઠા હતા..

કાંઈ બોલ્યા વગર.. જમનાએ પેંડાનું પડીકું તેની સામે ધર્યું..

દિકરો જ છે.. એમ સમજી હરખાતા હરખાતા પેંડો ખાઈ તે દુકાને ગયા..

જેવો તેણે ડેલી બહાર પગ મુક્યો કે.. બન્ને જણી ખડખડાટ હસી પડી.. વિજુએ સાસુને બાથમાં જકડી લીધી..

"અલી .. છોડ.. હું તારી સાસુ છું.. બહેનપણી નથી.. ડેલી ઉઘાડી છે.. કોઈ જોઈ જશે.. તો બેયને ઘેલી ગણશે..."

-જયંતીલાલ ચૌહાણ ૪-૧૦-૧૯
- Umakant

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“पिता की कमाई को बढ़ाने की
नीयत रखो, ना की बेचने की,
फिर चाहे वह इज़्ज़त हो
सम्पत्ति हो या साख
🙏🏻
- Umakant

“पिता की कमाई को बढ़ाने की
नीयत रखो, ना की बेचने की,
फिर चाहे वह इज़्ज़त हो
सम्पत्ति हो या साथ”
🙏🏻
- Umakant

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“આંખો થી કહેવું આસાન નથી
ચુપ રહેવું એ સમાઘાન નથી
દોસ્તો
કહી દેજો દિલ ખોલીને
દિલની વાત
કેમકે
કહ્યા વગર કોઇ સમજતું નથી
💕
- Umakant

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“बेदर्द ज़माना तेरा
दुश्मन है तो क्या है
दुनिया मे नही जिस का
कोई उस का खुदा है”
🙏🏻
- Umakant

“रूह में तब्दील हो
जाता हूँ मेरा ये बदन
जब किसी की याद में
हद गुज़र जाती हूँ मैं

एक सुफी की ग़ज़ल
का शेर हूँ मैं दोस्तों
बेख़ुदी के रास्ते दिल
मैं उतर जाती हूँ मैं
❤️

- Umakant

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