आज...!!!
वो पूछ बैठा मुझसे .. कहा दुखता हैं 
मेने दिलो ए जिस्म का कर वो हिस्सा दिखाया 
वो कहता रहा अब नही दुखेगा..!!!
और एक एक कर के मेरा हर ख्वाब लौटाया 
वो कहता रहा तू भी तो एक ख्वाब हैं 
उसने तोड़ कर मुझे सच से रुबरु कराया..!!!
वो फिसलता गया मेरे हाथो से 
मेने रेत पर था खुवाबों का महल था बनाया 
ये वो पड़ेगी तो उसे लगेगा ये उसी की कहानी है 
मेने कागज़ कलम आज भी इसी वहम में उठाया...!!!
रोहित....!!!