थकना नही है
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भले उम्र हो गई पैसठ की
हमे रुकना नही है
दौड़ना हैं जिंदगी की रेसमें
हमे थकना नहीं है ।
अभी दुनियाने कहा देखा है
इस रुआब को
छलकाते है जाम यारों के संग
पैर डगमगाते नही हैं ।
बाजुओमे जोर शेर अकेले घूमने भी माहिर है
चट्टाने भले हो सामने रुकना नहीं है
बुलंदी छू लेना है हर हाल में
हार मानना नहीं है ।
खुदको सिर्फ सोलह का समझना है
स्विट सिक्सटीन हमेशा बने रहना है
हमे हरहाल खुशहाल रहना है
हमे थकना नहीं है ।
- अरुण गोंधली (०९.११.२०२३)