कुछ लोग होते हैं शरीर के भूखे। उन्हे बस लड़की के शरीर से मतलब होता है। वो ना बच्ची देखते हैं ना बुजुर्ग और ना ही उनके कपड़े।
ऐसे लोग शिक्षित, अशिक्षित, जॉब वाले, जॉबलेस, वर्कर, बाप, भाई, बेटा, दोस्त रिश्तेदार कुछ भी हो सकते हैं।
महिला सुरक्षा सिर्फ सरकार या कानून की जिम्मेदारी नहीं है। कहां कहां पर महिला सुरक्षा के लिए पुलिस की पहरेदारी रहेगी..? जब घर में ही रेप हो जाते हैं तो..?