एक लड़की थी दीवानी सी,
coffee पर वोह मरती थी
कभी बकवास jokes सुना दिया करती थी और कभी हँसा दिया करती थी,
आज भी याद है वोह दिन जब बिना मतलब की लडाई और कभी लगता था की आज हमारा आखरी दिन है,
कभी में रूठ जाता तो कभी वोह मुजे मना लेतीं,
कभी कभी बीच मे ego भी आ जाता था, तब पता चलता था कि ego नाम की बी कोई चीज़ है,
वोह 2-3 घण्टे बिना बात के रह लेते थे तो कभी साथ मे रो लेते थे,
लेकिन एक दिन ऐसा बी आता था कि दूरियां अपनी जगह बनाकर चला जाता था,
यादें कितनी हसीन होती है वोह दूरियां आने के बाद पता चला,
कभी तेरे साथ पी हुई coffee तो कभी meggie याद आते थे,
कभी तेरा रूठना तो कभी मेरा मानना याद आता था,
अब आज़ाद हु में, इतना आज़ाद की कभी महसूस ही नई हुआ वोह में ही हु या कोई और,
आज भी चिड़चिड़े photos देख कर है लेता हूं,
आज भी कभी तुजे याद कर रो लेता हूं,
यह feelings बढ़ते बढ़ते इतनी बढ़ गई कि पता ही ना चला, तेरे बिना 1 दिन कैसे 1 साल लगने लगा पता ही ना चला,
मेरा दिल मस्त सोया हुआ था कब तूने आकर जग दिया पता ही ना चला,
आखरी मुलाकात, हम breakup कर के अपने रास्ते चल दिये लेकिन मेरे दिल की आवाज दिमाग पर भारी पड़ने लगी और में मुड़ गया,
लेकिन तब तक वोह हमेशा की तरह जा चुकी थी और में उसी मोड़ पर खड़ा इंतज़ार कर रहा था,
उस दिन मुजे फिर से एहसास हो गया कि कुछ लोग आपके दिल मे रहे तो बेहतर है, जिंदगी में नही.
Made with love,
Krunal 💙
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