दिल Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

दिल Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful दिल quote can lift spirits and rekindle determination. दिल Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

दिल bites

#दिल की बातें
कभी-कभी

#दिल की बातें

"कथनी/करनी"

कल से मैं ये सोच कर थोड़ी आश्वस्त हो रही थी कि जम्मू कश्मीर में सेना एकत्रित हो रही है, शायद वहाँ निकट के पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर वहाँ के आतंकवादी समूहों को बर्बाद कर दिया जाएगा,सच कहूँ तो सबसे पहले आज ऐसी ही कुछ खबर पढ़ने की उम्मीद थी लेकिन 'खोदा पहाड़ और निकली चुहिया' वाली बात हो गई है.. कि खबर आई है कि वहाँ सेना की तैनाती औरतैयारियाँ बदला लेने के लिए नहीं बल्कि चुनाव के लिए की गई हैं....लगता है जैसे किसी ने मेरे साथ और देशवासियों के साथ बड़ा ही गंभीर और मार्मिक मजाक कर दिया है... वो 56 इंच का सीना.... चुनाव प्रचार का एक तरीका ही था शायद....
क्या देश फिर सब कुछ भूलने वाला है या फिर उन्हें फिर सबकुछ भुलाने पर विवश किया जा रहा है...
प्रांजल,25/02/19,8.30

✍️
#There is not enough words to #describe just how much important she is. She gave #life , #nurtured , #taught , #dressed , #shouted , #kissed but most #important she #loves #unconditionally .
कुछ ऐसे लोग होते हैं, #गले लगते ही सुकून मिलता है।#माँ , ऐसी ही #शख्सियत है।
#माँ , एक शब्द नहीं, #ब्रह्मांड समाया है इसमें--------
जीवन के #कटुसत्य से रूबरू कराती----------
#दिल को #छू लेने वाली एक कविता----------

पहले कितनी सुंदर थी,वो गुड़िया सी लगती थी माँ। घूमती फिरती फिरकी थी, अब बुढ़िया सी लगती माँ।

हँसती थी तो फूल थे झरते, मोती सी चमकती माँ। हँसना छोड़ा कब का,अब तो खुल के रोती भी नहीं माँ।

जीवन के चलचित्र की जैसी मुख्य नायिका सी थी माँ। सरक गई कोने में, अब एक्स्ट्रा सी हो गई माँ।

जब जरूरत थी हम सबको, हम सबकी दुलारी थी माँ। जब सब बड़े हो गए, बोझिल गठरी बन गई माँ।
(अज्ञात)

#दिल की बातें,प्रांजल

"पुरस्कार और सम्मान"
पुरस्कार पाने के कुछ नियम-
1.एक हाथ से पुरस्कार दो,दूसरे हाथ से पुरस्कार लो...
2.-जितने रुपये खर्च करो,उतने सम्मान लो।
3.-समझो सब कुछ लेकिन कभी किसी की बुराई नहीं करो..
4.-साहित्यकार की उम्रदराजी भी पुरस्कारों को प्रभावित करती है,अगर साहित्यकार या कलाकार उम्रदराज है तो उसे पुरस्कार मिलने की ज्यादा संभावना रहती है।
5.-रचना लिखते समय प्राचीन शास्त्रीय नियमों का पालन करो...कुछ भी नया मत लिखो,भाषा क्लिष्ट हो और संस्कृतनिष्ठ हो जो आसानी से किसी को समझ ना आ सके...
6.-हमेशा संस्था प्रमुखों की तारीफ और चापलूसी में लगे रहो।

बाकी बाद में..
प्रांजल,
07/02/19,
9.50P