अंक शास्त्र में अवसाद ( Depression) के सूचक योग और उपाय।*
नीचे दी गई अंक कुंडली के अनुसार, हम अवसाद के योग की चर्चा करेंगे। इस कुंडली में आप जन्म की शताब्दी नहीं लिखेंगे। आप केवल जन्म तारीख ,जन्म का महीना, और जन्म वर्ष के आखिरी दो अंक लिखेंगे, और यदि आपका जन्म दिनांक १ से ९ के बीच नहीं है, तो मूलांक और सभी किस्सों में भाग्यांक भी लिखेंगे।
३ १ ९
६ ७ ५
२ ८ ४
इसका एक उदाहरण देता हूँ।
जन्म तारीख: २५/११/१९९६
मूलांक : २+५= ७
भाग्यांक : २+५+१+१+१+९+९+६= ३४(३+४)=७
तो इनकी कुंडली हुई ( रिक्त अंक के स्थान पर ० लिखा है।)
०० ११ ९
६ ७७ ५
२ ०० ००
अब इस तरह आप अपनी कुंडली भी बनाए, और नीचे दिए गए योग का विचार करे।
(१) अगर आपकी जन्म अंक कुंडली में (२- ८) का योग है।
(२) अगर आपकी जन्म अंक कुंडली में (२२- ८) का योग है।
(३) अगर आपकी जन्म अंक कुंडली में (२२२- ८८) का योग है।
(४) अगर आपकी जन्म अंक कुंडली में (२२/२२२/२२२२२) +.. का योग है।
(५) अगर आपकी जन्म कुंडली में (२- ८- ४),(२,८,६) का योग है।
अगर यह पांच योग में से कोई भी १ योग बनता है, तो यह योग अवसाद की संभावनाओं को दिखाता है। इस के अलावा यदि अंक महादशा और अंक अंतर्दशा के अनुसार भी थोड़े समय के लिए अवसाद का योग बन सकता है।
अब अवसाद ( डिप्रेशन ) को समझे।
(१) जब आपको निराशा महसूस हो, और वह खूब लंबे समय से हो।
(२) जब आप खुद को असहाय महसूस करो, और वह भी लंबे समय तक।
(३) आप खुद को कमतर या , लघुताग्रंथि में लंबे समय तक मेहसूस करे। आपको अकेले रहने का मन करे। आपको दिनचर्या का पालन करने का मन न हो,
और यह सब १ महीने से ज्यादा समय आपको महसूस हो और लगातार महसूस हो, तो यह अवसाद के चिन्ह है। कभी कभी ३ से ६ महीने के अंदर यह ठीक भी हो जाए तो यह बस एक छोटा एपिसोड था । परन्तु इसे अवसाद या डिप्रेशन कहा जाएगा।
उपाय
(१) मनोचिकित्सक की सलाह ले।
(२) ताजे फल , हरी सब्जियां खाए।
(३) तेज रोशनी में बैठे।
(४) प्रसन्नता दायक संगीत सुने।
(५) आपके पैशन को फॉलो करे।
(६) ध्यान ,प्राणायाम और योग को फॉलो करे।
(७) अकेले बैठना छोड़ दे। किसी से बात करे, या फिर डायरी लिखे। सपोर्ट ग्रुप के संपर्क में रहे।
यह सब उपाय एक साथ करे।