आजाद कर , या बर्बाद कर,
यू खफा रह के, वक्त जाया ना कर।
किस्मतो में ना सही, सपनो में मिला कर,
दो चार मुलाकातों की लकीरों को यू मिटाया ना कर।
यादों की महेफीलो में मुझे बुलाया ना कर,
मेरे दर्द की आवाज को यू सरेआम सुनाया ना कर।
तू जानती है मेरी हर दुआ में तू शामिल है,
पर उस दुआ के बदले यू बददुआ दिया ना कर।
माना साथ छोड़ दिया यू जूठे कसमें खाया ना कर,
अगर ना मिले मुजसा आशिक मिल के मुझे अब सताया ना कर,
सोया हूं मैं कफन में, यू धड़कन सुना के मुझे जगाया ना कर,
बेशकीमती है तुम्हारे आंसू यू गिराके मुझे कर्जदार बनाया ना कर।
हाथ पकड़ना तेरी आदत है,
साथ छोड़ना तेरी फितरत,
तू बन भी जा अगर बेवफा,
मैं करता रहूंगा तुजसे महोब्बत।