---
🌤️ “Ek Nayi Subah Ka Aaghaaz” – एक नई सुबह का आग़ाज़
Subah की पहली किरन जब परदों को छूकर कमरे में आती है, तो दिल में एक अजीब-सी रोशनī भर जाती है। यूँ लगता है जैसे रब ने रात भर की थकान को उफ़क़ (क्षितिज) पर छोड़ दिया हो, और हमारे लिए एक नई शुरुआत भेजी हो।
हवा में एक नर्मी, चाय की खुशबू में एक लुत्फ़, और आसमान में उड़ते परिंदों की आवाज़—सब मिलकर यूँ कहते हैं कि
“आज का दिन कुछ अच्छा होने वाला है।”
हर सुबह हमें मौका देती है कि हम अपने अरमानों की नई दास्तान लिखें, अपनी कमज़ोरियों को पीछे छोड़ें, और अपने हौसलों को फिर से मज़बूत करें।
क्योंकि subah ka matlab sirf roshni nahi hota,
बल्कि उम्मीद, एहसास, और नई रौनक़ का पैग़ाम भी होता है।
कभी-कभी बस खिड़की पर बैठकर सूरज को उगते देखना भी दिल को वो सुकून दे देता है, जो बड़े से बड़ा तजुर्बा नहीं दे पाता।
शायद यही वजह है कि लोग कहते हैं—
“Jo subah muskurata hai, wo poora din chamakta hai.”
तो आइए…
इस नई सुबह का स्वागत एक खूबसूरत मुस्कान, एक साफ़ नीयत, और दिल में थोड़ी-सी शुक्रगुज़ारी के साथ करें।
क्योंकि ज़िंदगी हर दिन हमें एक नया सफ़हा देती है…
और लिखना हमेशा हमारे हाथों में होता है।
---