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🌤️ एक ख़ूबसूरत सुबह की महक
रात की ख़ामोशी जब अपने परों को समेट कर लौटती है, तब सबेह-फ़रोज़ की हल्की-हल्की रौशनी दिल के दरवाज़े पर दस्तक देती है। सुबह की यह नर्मसी रौशनी मानो मेहरबानी की तरह फैलती है, और हर तरफ़ एक नई ताज़गी बिखेर देती है।
हवा में घुली रवानी, पत्तों पर ठहरी शबनमी बूंदें, और आसमान का नीलम सा रंग—सब मिलकर दिल को एक अजीब सी क़ुदरती राहत देते हैं। ऐसा लगता है जैसे सुबह हमें फिर से नई शुरुआत का मौका देती है, पुराने बोझ उतारकर मुस्कुराने की दावत देती है।
इस ख़ूबसूरत सुबह में जब सूरज अपनी पहली नूरानी किरण ज़मीन पर बिखेरता है, तो दिल भी अपने अंदर की उम्मीदों को रोशन करता है। यह वक़्त सिर्फ़ जागने का नहीं, बल्कि जीने का एहसास दिलाता है।
सुबह की ये नर्मी यूं ही नहीं आती; ये हमें सिखाती है कि चाहे रात कितनी भी तारीक़ क्यों न हो, हर सुबह अपने साथ नई रोशनियाँ लेकर आती है।
तो चलिए, आज की इस खूबसूरत सुबह को दिल में उतारते हैं—
नए इरादों के साथ, नई दुआओं के साथ,
और ज़िंदगी को उसके सबसे मासूम रंग में महसूस करते हुए।