खूबसूरत सुबह — रोशनी का एक नया अफ़साना
सुबह का वक़्त हमेशा अपने साथ एक नयी ताजगी, एक नया जज़्बा, और एक नई उम्मीद लेकर आता है। जब पहली किरण आसमान के दामन को हल्के से छूती है, तो लगता है जैसे ज़िंदगी मुस्कुरा कर कह रही हो — “चलो, आज फिर से शुरुआत करते हैं।”
ठंडी हवा की नरम छुअन दिल को एक अजीब सा सुकून देती है। परिंदों की चहचहाहट, जैसे किसी मधुर नज़्म की पहली पंक्तियाँ हों, जो पूरे माहौल को मोहब्बत और ताज़गी से भर देती हैं।
ऐसा लगता है कि पूरी कायनात धीरे-धीरे आंखें खोल रही हो और दुनिया की धड़कनों को एक नई लय मिल रही हो।
सुबह का यह लम्हा हमें याद दिलाता है कि चाहे रात कितनी भी लंबी या भारी क्यों न रही हो, हर सुबह अपने साथ उजाला लेकर आती है। यह उजाला सिर्फ बाहर का नहीं, बल्कि दिल के अंदर का भी होता है—एक रोशन सोच, एक साफ़ नीयत और एक नई शुरुआत का उजाला।
कभी-कभी एक कप चाय या कॉफी हाथ में लेकर, बस खिड़की के पास बैठ जाना भी सुबह का मज़ा दोगुना कर देता है। उस वक़्त हम अपने खयालों से मिलते हैं, अपने सपनों को थोड़ा और पास महसूस करते हैं।
सुबह की खामोशी में एक गहरा सुकून छुपा होता है—जो दिन के शोर से पहले दिल को नर्म कर जाता है।
आख़िर में, हर सुबह यही कहना चाहती है कि ज़िंदगी बदलने का असली वक़्त हमेशा “आज” होता है।
और इस “आज” की शुरुआत, एक खूबसूरत सुबह ही करती है।
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