अंक ज्योतिष शास्त्र से जुड़ा एक तथ्य।
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3|1|9
6|7|5
2|8|4
यह सेफ्रियल ग्रिड है, जिसे आज हम वैदिक ग्रिड मानते है।
सालों पहले वाल्टर गोर्न ओल्ड (Walter Gorn Old) नामक एक इंग्लैंड में रहनेवाले ज्योतिष एवं अंकशास्त्र के जानकार थियोसोफिकल सोसायटी के मेम्बर बने। जिन्होंने भारतीय एवं कबला अंकशास्त्र पर रिसर्च किया। उनको सेफेरियल के नाम से जाना जाता है। उन्होंने वैदिक अंकशास्त्र में राहु/ केतु की जगह
सकारात्मक एवं नकारात्मक सूर्य और चंद्रमा का उल्लेख किया है।
१ = सकारात्मक सूर्य
४= नकारात्मक सूर्य
२= नकारात्मक चन्द्र
७ = सकारात्मक चंद्र
यह सेफेरियल का मत है। क्योंकि वह मातृ (रानी) प्रधान सभ्यता से था, इसी लिए उसने सकारात्मक चंद्रमा यानि अंक ७ को ग्रिड के मध्य में स्थान दिया।
नीचे दिया गया, हमारा भारतीय वैदिक ग्रिड है। हमारी सभ्यता पुरुष ( राजा) प्रधान, पितृ प्रधान है, इसी लिए इस ग्रिड में अंक १ जो सकारात्मक सूर्य है,उसे मध्य में स्थान दिया है। भारत की नवग्रह ग्रिड के अनुसार ४ अंक नकारात्मक सूर्य है। और ७ अंक नकारात्मक चंद्रमा।
| 5 | 6 | 2 |
| 3 | 1 | 9 |
| 7 | 8 | 4 |
ग्रह और संबंधित संख्याएँ
संख्याओं के आगे दर्शाए गए ग्रह हैं:
* 5: बुध (Mercury)
* 6: शुक्र (Venus)
* 2: चंद्रमा (Moon)
* 3: बृहस्पति (Jupiter)
* 1: सूर्य (Sun)
* 9: मंगल (Mars)
* 7: चंद्रमा (-) (केतु) (अक्सर भारतीय प्रणालियों में इसे केतु/साउथ नोड माना जाता है)
* 8: शनि (Saturn)
* 4: सूर्य(-) (Sun(-)) (अक्सर भारतीय प्रणालियों में इसे राहु/नॉर्थ नोड माना जाता है)
(काल के क्रम में हमारा भारतीय ग्रिड लुप्त हो गया और हमने सेफेरियल ग्रिड को वैदिक ग्रिड मानना आरंभ कर दिया।)