हर एक लम्हा तेरी याद में बिताया है,
दिल ने तेरे ही खातिर ये साज सजाया है।
दूर होकर भी तेरा एहसास पास रहता है,
जैसे खुशबू को हवा ने अपनी गोद में उठाया है।
ये इश्क नहीं, ये तो रूह का रिश्ता है,
जो हर ज़ख्म को बड़ी नर्मी से सहलाया है।
तमाम उम्र गुज़र जाए तेरे ही इंतज़ार में,
बस इसी आरज़ू को हमने अपना मकसद बनाया है।
- kajal jha