🌱 मौन में करुणा की पहली साँस
जब पृथ्वी पर पहली बार जीवन ने आँखें खोलीं,
तब न शब्द थे, न भाषा —
सिर्फ़ संवेदना थी।
हवा की ठंडक, सूरज की ऊष्मा,
भूख और सुरक्षा की चाह,
यहीं से शुरू हुआ नैतिकता का प्रथम संगीत —
जीवन का एक-दूसरे के प्रति मौन उत्तरदायित्व।