आज मैंने शीशे में खुद को गोर से देखा...
आखिर कमी है मुझमें,ये मैंने खुद से पूछा...
हाथ, पैर सलामत, दिमाग भी एकदम साफ..
फिर ये शीशे पर दिख रहा , चेहरा क्यूं है परेशान??
फिर क्या?? आज एक वादा किया खुदसे ...
उस शीशे पर दिख रही शक्ल को हमेशा खुश रखना है,,
ये दुनिया क्या कहती है, इससे खुद को जज नहीं करना है ...
धीरे धीरे ही सही पर अपना Best version बनना है.....
Silent Shivani✍️✍️