तुम कितना भी किसी के लिए कर लो,
लोग उसमें कमी ही ढूंढेंगे।
तुम अपने हाथ कटवा दो,
तो भी वो गला देखकर कह देंगे –
“ये क्यों नहीं कटवाया?
तुम तो मुझसे सच में प्यार ही नहीं करते।”
यहां हर रिश्ता, हर वादा,
प्यार की ओट में छुपा एक सौदा है।
हर कोई किसी न किसी का
सिर्फ प्रयोग कर रहा है,
महज “प्यार” का नाम लेकर।