जब से जन्म लिया है -
भूख , प्यास , प्यार , नाम , इज्जत और दिखावे के पीछे भाग रहे है ।
पर सोचा है क्यों ?
क्या ये ही करना है हमें जो हर कोई करता है ?
जहां जन्म लिया वहीं मर जाना ?
हम किसी नाटक के पात्र है , कोई हमसे करवा रहा है , हम सब बागी है , हम नाटक से बाहर की जिंदगी जिए गे ।