मैं किसी अभिमानी व्यक्ति को गलत नहीं मानता ,
वो अपनी जगह सत्य है ।
भ्रम इस दुनिया में होना तय है , ये श्रृष्टि के नियम है ।
आपको ज्यादा बलशाली बना कर , आपको अभिमानी का चोला पहना दिया जाए गा ।
फिर किसी साधारण पुरुष को हाथों उसकी मृत्यु करवा देना ,
पर वो साधारण पुरुष भी एक अभिमानी बन जाता है ,
हम सब एक माला के मोती है , सबकी बारी आती है , माला जपने के बहाने से हमें आगे कर दिया जाता है ।