एकतरफ़ा मोहब्बत में मत टूटो,
ये दिल नहीं, तुम्हारी रूह को भी तोड़ेगी।
ये मोहब्बत नहीं, बस एकतरफ़ा मेहनत है,
जो थकाकर तुम्हें खाली छोड़ देगी।
मोहब्बत वही जो दोनों तरफ़ से बहती हो,
वरना ये सिर्फ़ दर्द की नदिया है।
दो दिल जब साथ धड़कें, तभी जन्म लेता है प्रेम,
एकतरफ़ा चाहत तो बस तन्हाई का दरिया है।
जो प्रेम की परिभाषा न समझे, उससे कैसा रिश्ता?
पहले खुद से इश्क़ करो,
फिर उससे जो तुम्हें चाहे बिना शर्त,
जैसे आसमान चाँद को चाहे।
सच्चा प्रेम आंसू नहीं देता,
वो ताक़त देता है उठने की,
अंधकार से उजाले की ओर ले जाने की—
ये भगवान का दिया सबसे पवित्र इशारा है।
तो उठो, मुस्कुराओ…
और खुद से मोहब्बत करो,
क्योंकि यही प्रेम का पहला और सबसे सच्चा रूप है।