कितना अच्छा होता है , कुछ भी नया लिखना ,
शब्द वहीं होते है महज उनके वाक्य बदल जाते है ।
हम अक्सर सोचते है भगवान ने हमें अनेक चेहरों से सब को जन्म कैसे दे दिया , पर ये कभी नहीं सोचते हम एक जैसे शब्दों से कितने अनेक वाक्य बना देते है ।
कितना ही AI आ गया चाहे पर वो जो मन में आए शब्दों को वाक्य की माला पिरोना वो एक अलग ही आनंद है ।
मै कुछ भी सोच समझ कर नहीं लिखता , जो मन में आए उनको एक ढांचे में शब्दों को रख देता हु ।
शायद आपको पसंद ना आए मेरा यूंही लिखना , पर मन के विचार है जो शब्दों से घिरे पड़े है ।