ज़िंदगी यूँ तो नया लफ़्ज़ नहीं है लेकिन,
तेरे ना होने का मुझकों मलाल एक तरफ..
मैं तो तेरे बाद सब ही को भूल गया,
तेरा भूल जाने का मुझकों मलाल एक तरफ़..
यूँ तो फ़ितरत मेरी भी नहीं याद करता तुझकों लेकिन,
तेरे ख़यालो का दिल में आना जाना एक तरफ़...
अपनी हस्ती भी एक रोज़ गवॉंं बैठा मैं
तु अब भी मुझ में कहीं ज़िंदा है एक तरफ़...