Quotes by jagrut Patel pij in Bitesapp read free

jagrut Patel pij

jagrut Patel pij

@jagrutpatel1479


हम उसे देख के चुप-चाप गुज़र जाते थे
वैसे आसान ये इतना भी नहीं होता था

પ્રતિબંધ જાહેરમાં મળવાને મૂકાયુ છે,
તું તો સપનું સજાવતી સૃષ્ટિ છે...

लोग डरते है क़ातिल की परछाई से
हमने क़ातिल के दिल में भी घर कर लिया

जिंदगीभर के सिकवे गीले थे बहोत
वक़्त इतना कहाँ था की दोहराते हम..

चलती फिरती आँखों में हया खेल रही
दो ज़हर के प्यालों क़ज़ा खेल रही

कभी किसी का ख़याल थे हम भी
गुज़रे दिनों में कमाल थे हम भी

क्या ख़बर थी आह का शोला ज़बाँ हो जाएगा..
वो करीब इतने आकर जुदा हो जाएगा...

ખ્વાહિશોં નુ ખિસ્સું ભરી નીકળ્યો સફરમાં ને મંઝિલ કહે આનો ભાર છે..
ઇચ્છાઓ આટોપી આવજે અહિયાં મોજીલા સફરનો સાથ છે..

Read More

कोई ख़्वाब मुकम्मल नहीं हुआ,
उसके बाद मैं फिर किसी का नहीं हुआ..

शायरी खुदकुशी का धंधा है जाँना
खुद ही की लाश खुद ही का कंधा है