कब से मैं तनहा था, रास्तों में गुम था
खोया था खुद में, हर पल में एक दर्द था
तु मिला जैसे दुआओं का असर
तु मिला जैसे अंधेरों में सहर
तेरे साथ साया है, दर्द भी पराया है
जितनी थी खामोशी, सब कुछ तू कह गया
तेरे साथ साया है, दिल ने ये पाया है
मैं हूं अब पूरा, तू जो मेरा हो गया
सुना था मोहब्बत में रौशनी होती है
तेरे चेहरे पे वही रौशनी मिलती है
जैसे बारिश की बूँदें प्यासी ज़मीन को छूती
जैसे ठंडी चाँदनी, दिल की राह तक जाती
मेहरबां तू, रहनुमा तू
जिसमें बसा हर एक दुआ तू
कैसे शुकर करूं इस पल का
जिसमें बसा है तू हर हाल का
तेरे साथ साया है, दर्द भी पराया है
मैं हूं अब पूरा, तू जो मेरा हो गया