🌸 "तुम्हारे नाम की ख़ामोशी" 🌸
तुम्हारा नाम जब होंठों तक आता है,
दिल जैसे एक पल को रुक जाता है।
ना बोला जाए, ना छुपाया जाए,
बस तुम्हारा ज़िक्र ही हर बात में समा जाता है।
---
तुम्हें देखा तो समझ आया —
इश्क़ रंग नहीं, एहसास होता है।
हर सुबह तुम्हारी याद में जागना,
हर रात तुम्हारे ख़्वाब से सो जाना,
जैसे तुम ही मेरी हर सांस में बसते हो —
बिना कहे, बिना छुए,
फिर भी सबसे करीब।
---
लोग कहते हैं, मोहब्बत आंखों से शुरू होती है,
मैं कहूं — मेरी तो रूह से हुई थी।
तुम्हारे बिना कुछ भी अधूरा लगता है,
जैसे कविता में कोई अल्फ़ाज़ छूट गए हों।
---
ना तुम मेरे हो, ना मैं तुम्हारा,
फिर भी, इस दिल का हर कोना तुम्हारा नाम गुनगुनाता है।
शायद इसी को सच्चा इश्क़ कहते हैं —
जहाँ चाहत में कोई शर्त नहीं होती,
सिर्फ दुआ होती है…
"जहाँ भी रहो, बस खुश रहो।"