🌙 “Chand Ki Tarah”
~Ansh Jain
चुपचाप सी बैठी है रात की चादर में,
जैसे कोई दर्द छुपा हो काजल के अंदर में।
नज़रों से कहती है कुछ बिन बोले,
दिल की किताब में रखे हैं कितने रोले।
चाँद भी आज कुछ उदास सा लगता है,
शायद वो भी किसी की याद में जलता है।
रात भर टहलता है मेरे ख्यालों की गलियों में,
और सुबह होने से पहले कहीं छुप जाता है पलकों में।
ये चाँद, ये रात, और मेरी तन्हाई,
तीनों मिलकर लिखते हैं एक अधूरी सच्चाई।