मेरी पहली मुलाकात"
चुपचाप आई थी वो शाम सुहानी,
दिल में ले आई थी एक नई कहानी।
पल भर में सब कुछ बदल सा गया,
जब पहली बार तू सामने आया।
न जाने क्या था उस नज़र के जादू में,
हर बात थी चुप, मगर कह गई आँखों से।
धड़कनें तेज़ थीं, अल्फ़ाज़ कहीं खो गए,
उस पल के जज़्बात कुछ खास हो गए।
हल्की सी मुस्कान, थोड़ा सा झुकना,
बातों का सिलसिला और खुद से रुकना।
वक़्त जैसे थम गया हो उस घड़ी,
बस तू था, मैं थी, और ख़ामोशी बड़ी।
दिल ने पहली बार कुछ महसूस किया,
ज़िंदगी ने एक नया रंग चुपके से पिया।
वो पहली मुलाकात, एक पल का नशा,
जो रह गया दिल में, बस गया हमेशा।