हम अपनी जिंदगी जीते है। उसमे कुछ लोग पहेले से आपकी जिंदगी मेे होते है, फिर कुछ लोग आपकी जिंदगी मे आते है। उन सबको आप सुनते हो ,समझते हो,फिर एक दिन आता है आप सुनना नही चाहते आप समझना नही। आप सिर्फ बोलना चाहते हो, आप अबतक जो महेसुस कर रहे थे वो सबको समझना चाहते हो, लेकिन जब आप बोलते हो तो वो लोग आपको चुप करवाने के लिऐ आपके लहेजे, आपकी आवाज और आपके अंदाज़ को लेकर सवाल उठाते है। लेकिन ये नही समझते की हम पर क्या बीती है , क्या बताना चाहते है।