"पढ़ाई – एक अधूरी लव स्टोरी"
पढ़ाई भी बड़ी self respect वाली चीज़ है…
अगर दिल से करो तो ही समझ आती है,
वरना घूरती रहती है किताबों के पन्नों से —
"जा, जी ले अपनी ज़िंदगी।"
टीचर बोले — “पढ़ लो बेटा, ये तुम्हारे भविष्य का सवाल है।”
हम बोले — “फ्यूचर की इतनी फिक्र थी तो पास्ट में छुट्टियाँ क्यों दी थीं?”
Reading table है, lamp है, किताबें हैं, highlighter है…
बस पढ़ने की "इच्छा शक्ति" Amazon पे order की है,
वो भी अगले महीने आएगी।
एग्ज़ाम के एक दिन पहले ब्रह्मज्ञान प्राप्त होता है —
"अब कुछ नहीं हो सकता… चलो भगवान पे छोड़ते हैं!"
और फिर नोट्स के साथ नज़रें मिलती हैं,
जैसे बिछड़े प्रेमी वर्षों बाद मिले हों — पर अब कुछ कर नहीं सकते!