संत बक्सा राम खाती--आप बढ़ई जाति के थे और राम भक्त थे। एक बार मेड़ता के राजा जयमल के रथ की पहिया टूट गयी। राजा ने खाती को बुलवाया। खाती के घर कुछ संत आए थे। आप उन्हीं के सत्संग में मस्त थे। भगवान स्वयं खाती का रूप रखकर राजा के पहिए की मरम्मत कर दी। जब संत चले गए तब खाती राजा के यहाँ पहुँचे और विलम्ब से आने के लिए क्षमा माँगने लगे। यदि तुम नहीं आए तो वह कौन था? राजा ने झूठ बोलने पर खाती को मृत्युदण्ड दे दिया। प्रभु राम प्रकट होकर खाती को बचाए। यह थी संत खाती पर भगवान की कृपा। कृपा आप पर भी हो सकती है। नैशपीठ में 4 अप्रैल से चल रहे रामाधुन में आप आइए और अपने बच्चों को भेजिए।आपका शुभेच्छु, गणेश तिवारी पीठाधीश्वर नैशपीठ।