संत दादू दयाल जी--आप नरायणा जयपुर के रहने वाले थे और जाति के धुनिया थे। आप राजस्थान के कबीर कहे जाते हैं। एक बार आप एक कोठरी में बैठकर ध्यान में बैठे हुए थे, बाहर के दरवाजे पर आपके विरोधियों ने दीवाल चुनवा दी। भगवान ने आपको दर्शन देकर आपके प्राण बचाए। यह थी भगवान की आप पर कृपा। कृपा आप पर भी हो सकती है। नैश पीठ में चल रहे रामाधुन में आप आइए और अपने बच्चों को भी भेजिए। आपका शुभेच्छु, गणेश तिवारी पीठाधीश्वर नैशपीठ।