फागुन का महीना आया साथ लाया रंगों की सौगात रे
राधा बोली कृष्ण से तैयार रख तेरी टोली रे
आ रही हु चुपचाप भीग जा मेरे रंगों में
रंग जा मेरे रंग में मत खेल मुझसे आंख मिचौली रे
भूल जाऊ संसार सारा खेलूं जब तेरे संग होली रे
रंगों की ये रंगीन वादियों में भीग जाए जग सारा रे
लिपट जाए रंगों की बौछारों में हर कोई तेरे प्यार में
कृष्ण बोला राधा से बंध गया में तेरे संग रे
चल आज खेल मेरे साथ रंग ताली रे
स्नेह मिश्रित रंगों से रंग गया तेरे प्यार में
हो गए एकाकार राधाकृष्ण रे लिन हुआ जग सारा रे
बरस पड़ी फूलों की सौगात रे
आओ हम मनाए होली रंगों की पिचकारी से भर दे दिल सारा रे
- Shree...Ripal Vyas