Hindi Quote in Poem by Sudhir Srivastava

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

दोहा मुक्तक

मुझे बुरा जो कह रहे, उनका है आभार।
इससे उत्तम और क्या, हो सकता उपहार।
तेज कदम से भागते , मंजिल जिनकी दूर।
इससे सुंदर है कहाँ, पावन जिनका भार।।

रंग बदल कर आप भी, बदल लीजिए ताज।
जीवन में सबसे बड़ा, उत्तम है यह काज।
लोग भले ही आपको, करे नित्य बदनाम।
अनदेखा उनको करें, ठेलठाल कर लाज।।

आज सुबह यमराज ने, दिया निमंत्रण एक।
साथ-साथ यह भी कहा, मत देना तुम फेंक।
जाना अगली बार है, इतना रखना याद।
चलना मेरे साथ में, लाठी डंडा टेक।।

राजनीति के खेल का, ये कैसा परिणाम।
कल तक जिसका नाम था, आज हुआ गुमनाम।
जनता ने दिखला दिया, उनको उनकी राह।
भले विरोधी कर रहे, नाहक उनको बदनाम।।

आप सभी अच्छे भले, तो मैं क्या हूँ यार।
मैं भी तो आखिर आ गया, सज-धजकर तैयार।
समझा दे कोई मुझे, अंदरखाने बात।
बिना लाग-लपेट के, बतला दो क्या रार।।

आज स्वयंभू बन रहे, तरह तरह के लोग।
इसको दुस्साहस कहें, या माने संयोग।
मानूँगा विद्वान मैं, जिसको इसका ज्ञान।
वरना सबके लिए ही, यही बड़ा दुर्योग।।

महाकुंभ के नाम पर, नित्य नये आरोप।
सत्य सनातन के लिए, यही बड़े प्रकोप।
सद्बुद्धि इनको नहीं, आयेगी इस जन्म।
बुद्धिमान बनते बड़े, जैसे कोई तोप।।

सुधीर श्रीवास्तव

Hindi Poem by Sudhir Srivastava : 111971755
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now