प्रयाग राज तीर्थ।
अमृत कलश छलके प्रयाग राज तीर्थ धाम में । गंगा मैया जमुना मैया बनी त्रिवेणी मिल
सरस्वती मैया के जल धार में। डमरु बजाते त्रिशूल धारी कैलाशी त्रिपुरारी विराजे हैं
महाकुंभ लगा प्रयाग राज में । धूम मची हुई है भक्ति सागर का साल एक सौ चौवालीस बाद
अमृत स्नान के लिए। तैंतीस करोड़ देवी-देवता
भाई विराजे हैं चारों शिव शंभु तीर्थ धाम में।
हर्षाई धरती और गगन पुष्प वृष्टि हो रही कृपा
की भाई महाकुंभ महादेव के चारों तीर्थ धाम में। ऊं नमः शिवाय के जयकारे सजाए झांकी निकाली हरिद्वार प्रयाग राज उज्जैन महाकालेश्वर त्रयंम्बकेश्वर।
कोटि-कोटि प्रणाम महाकुंभ महादेव।
दंडवत प्रणाम।
- Anita Sinha