अ से अनार, आ से आम,
मिलकर बोलो जय श्रीराम।
इ से इमली, ई से ईख,
रामायण सिखाती, सबको अच्छी-सीख।।
उ से उल्लू, ऊ से ऊँट,
राम नाम का भर लो हर कोई घूंट।
ए से एड़ी, ऐ से ऐनक,
श्रीराम का रथ, हनुमानजी के साथ।।
ओ से ओखली, औ से औरत,
राम नाम से सजी है हर मूरत।
अं से अंगूर, अ से आकाश,
राम का नाम है सबसे खास।।
भक्तों बजाओ, जोर से ताली,
असीम होगी तुम्हारी झोली खाली। - ©️ जतिन त्यागी