नया सवेरा
हर रात के बाद, नया सवेरा आता है,
अंधेरो के पर, उजाला मुस्कुराता है।
गिरते है हम, फिर संभल जाते है,
जिंदगी के सफर मे, नए रास्ते बनाते है।
जो हुआ, उसे भूल जाओे,
अपने सपनो को फिर से सजाओ।
हर मुश्किल को पार कर दिखाओ।
अपने जज्बे से दुनिया को झुकाओ।
चलो, नया दिन, नई कहनी बने
तुमहारी महंत से, दुनिया भी चकित रहे जे।