( पेपर लेस नारे ने लगाई है वाट,zerox किलो के भाव होते हैं आज भी)
पेपर लेस क्लेम को मारो गोली
मोटी फाइल और भी मोटी हो ली
चौथाई किलो थी पिछले साल
अब यह दो किलो की हो ली
मैं तो पूछुं क्या हो रिया भाईयो
कब जलेगी इन मोटी फाइलो की होली?
पेपर लेस है इक नारा सब लगावे हैं
कौन बतावे ऑफिस वालो
यह थिरक्न है या चिरकुट है
पेपर लेस है नारा,
यह तो जनता की त्रास है
हर ऑफिस मे वास है
आप मर चुके हैं,फाइल यही कहती है
किस किस को सम्झाओगे आप जिंदा हो
सिस्टम बेरहम था और रहेगा क़ातिल की तरह
किस किस को सुनाओगे दास्तां अपनी
खाल अपनी खिंचवा के भर दे भूसा जिसमे
चीख चीख कर कराह के पुकारेगा वजूद आपका
नाकाम न हो मायूस न हो मेरे हम सफर ,चला चल
ये वक़्त रौंद डालेगा सिस्टम को इक तूफ़ाँ की तरह